“नहीं सुनना नहीं मुझको,
तेरी झूठी कहानी।
प्यार की बातें हैं इसमें,
प्यार नहीं।
दिखावा है, सच्चाई नहीं।
प्यार नहीं तो मना कर,
है भीतर तो बयां कर,
बेवजह क्यों उलझाए हुए है,
प्यार है पहेली बनाए हुए है।
खुद भी बेफिक्र हो,
अपने खयालों से,
मुझको भी आजाद कर,
है भीतर तो बयां कर।”
- प्रेम
©Surendra Sharma
“नहीं सुनना नहीं मुझको,
तेरी झूठी कहानी।
प्यार की बातें हैं इसमें,
प्यार नहीं।
दिखावा है, सच्चाई नहीं।
प्यार नहीं तो मना कर,
है भीतर तो बयां कर,
बेवजह क्यों उलझाए हुए है,