यह उस समय की बात है जब कृष्ण द्ववारिका मे निवास करने लगते हैं। गोपियाँ उन का इन्तजार करती है कि जब कृष्ण वापस आयेगे।और फिर से पहले जैसा सब कुछ हो जायेगा।
गोपियाँ देखे रास्ता आयेगे श्याम जी,
मधुवन मे फिर से रास रचायेगे श्याम जी।
पथराई इन आँखों मे छवि श्याम की,
दर्शन पा के निहाल हो जाये श्याम की।
Sharma Amit
श्याम के इन्तजार मे गोपियाँ