किस्मत ने भी कैसा खेल खेला, हर बार उसने मुझे किया | हिंदी Shayari

"किस्मत ने भी कैसा खेल खेला, हर बार उसने मुझे किया अकेला। मिले तो हम दोनो थे, पर कभी हालात की वजह से छूट गए, तो कभी किसी के साथ की वजह से। कभी कह नहीं पाए उनसे, की क्या हो तुम मेरे लिए। मेरी ख्वाहिशें, मेरी आरज़ू, मेरे दिन, मेरी रात, सब थी तुम मेरे लिए। हाँ आज भी याद हो तुम, मेरी हर खयालों में एक ख़्वाब हो तुम। मेरी दिन की पहली और रात की आखरी याद हो तुम।।।। © GURU"

 किस्मत ने भी कैसा खेल खेला,
हर बार उसने मुझे किया अकेला।

मिले तो हम दोनो थे,
पर कभी हालात की वजह से छूट गए,
तो कभी किसी के साथ की वजह से।

कभी कह नहीं पाए उनसे,
की क्या हो तुम मेरे लिए।

मेरी ख्वाहिशें, मेरी आरज़ू, मेरे दिन, मेरी रात, 
सब थी तुम मेरे लिए।

हाँ आज भी याद हो तुम,
मेरी हर खयालों में एक ख़्वाब हो तुम।
मेरी दिन की पहली और रात की आखरी याद हो तुम।।।।

© GURU

किस्मत ने भी कैसा खेल खेला, हर बार उसने मुझे किया अकेला। मिले तो हम दोनो थे, पर कभी हालात की वजह से छूट गए, तो कभी किसी के साथ की वजह से। कभी कह नहीं पाए उनसे, की क्या हो तुम मेरे लिए। मेरी ख्वाहिशें, मेरी आरज़ू, मेरे दिन, मेरी रात, सब थी तुम मेरे लिए। हाँ आज भी याद हो तुम, मेरी हर खयालों में एक ख़्वाब हो तुम। मेरी दिन की पहली और रात की आखरी याद हो तुम।।।। © GURU

तक

People who shared love close

More like this

Trending Topic