ब्रम्हांड में सब कुछ परिवर्तनशील है जन्म,मृत्यु,द | हिंदी कविता

"ब्रम्हांड में सब कुछ परिवर्तनशील है जन्म,मृत्यु,दिन,रात सब कुछ एक तुम्हारी स्मृति है जो हृदय से नहीं जाती सब कुछ तो बदल जाता है यहां तक कि मानव स्वभाव भी परंतु तुम्हारी स्मृति में कोई फेर बदल नहीं अमरत्व प्राप्त सी हैं तुम्हारी स्मृतियाँ जब हर चीज़ परिवर्तनशील है सब में बदलाव आता है तो तुम्हारी स्मृतियाँ क्यों दृढ़ और अटल है ©Richa Dhar"

 ब्रम्हांड में सब कुछ परिवर्तनशील है 
जन्म,मृत्यु,दिन,रात सब कुछ
एक तुम्हारी स्मृति है जो हृदय से नहीं जाती
सब कुछ तो बदल जाता है यहां तक कि मानव स्वभाव भी
परंतु तुम्हारी स्मृति में कोई फेर बदल नहीं 
अमरत्व प्राप्त सी हैं तुम्हारी स्मृतियाँ
जब हर चीज़ परिवर्तनशील है
सब में बदलाव आता है
तो तुम्हारी स्मृतियाँ क्यों दृढ़ और अटल है

©Richa Dhar

ब्रम्हांड में सब कुछ परिवर्तनशील है जन्म,मृत्यु,दिन,रात सब कुछ एक तुम्हारी स्मृति है जो हृदय से नहीं जाती सब कुछ तो बदल जाता है यहां तक कि मानव स्वभाव भी परंतु तुम्हारी स्मृति में कोई फेर बदल नहीं अमरत्व प्राप्त सी हैं तुम्हारी स्मृतियाँ जब हर चीज़ परिवर्तनशील है सब में बदलाव आता है तो तुम्हारी स्मृतियाँ क्यों दृढ़ और अटल है ©Richa Dhar

#pehlimulakat स्मृतियाँ

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