अनुज वधु भ्रगणी सुत नारी सुन कन्या सत सम ये चारी। | हिंदी कविता Video

"अनुज वधु भ्रगणी सुत नारी सुन कन्या सत सम ये चारी। इनाहि कुदृष्टि जो ही बिलोकहीं ताहि वधे कछु पाप न हाई।। रामचरितमानस ( तुलसीदास जी ) ©Neetesh kumar "

अनुज वधु भ्रगणी सुत नारी सुन कन्या सत सम ये चारी। इनाहि कुदृष्टि जो ही बिलोकहीं ताहि वधे कछु पाप न हाई।। रामचरितमानस ( तुलसीदास जी ) ©Neetesh kumar

अनुज वधु भ्रागणी सूत नारी.... ❤️❤️#Ram #Poet #Poetry #shayri

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