स्याही की भी मंजिल का अंदाज़ देखिये....,
खुद ब खुद बिखरती है तो दाग़ बन जाती है....,
कोई और बिखेरता है तो अल्फ़ाज़ बन जाती है...।।
स्याही की भी मंजिल का अंदाज़ देखिये....,
खुद ब खुद बिखरती है तो दाग़ बन जाती है....,
कोई और बिखेरता है तो अल्फ़ाज़ बन जाती है...।। prabhas