चोर चोर मौसेरे भाई !
चोरों को सारे नज़र आते हैं चोर !!
भारत में सत्ता का ऐसा दुरूपयोग कभी नहीं किया गया, यहां तक कि अंग्रेजों के गुलामी के दौर में भी नहीं ।
ये उपरोक्त मुहावरे इसी कारण प्रसिद्ध हैं।
काले कानूनों, एन आई ऐ और ई डी आदि अत्यन्त महत्त्वपूर्ण संस्थाओं को पालतू पशुओं की तरह अपने जिस भी भारतीय नागरिक के पीछे भयभीत करना चाहा लगा दिया। सरकारी अफसरों की संविधान के प्रति वफादारी को भुला कर अपने जैसा देश द्रोही और गुलाम आज तक आर एस एस-राष्ट्र सर्वनाशी संघ और भाजपा सरकारों जैसे देश-द्रोहियों के अतिरिक्त किसी ने नहीं किया। यह एक ऐतिहासिक प्रमाणित कटु सत्य है ।
सत्यमेव जयते !
©Mohammed Shamoon
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