मेरा वज़ूद जमीं पर पड़ा एक बुलबुला सही, मगर वक़्त की | हिंदी कविता

"मेरा वज़ूद जमीं पर पड़ा एक बुलबुला सही, मगर वक़्त की मांग पर प्रलय से कम नहीं । 'रश्मि' ©Rashmi Abhaya"

 मेरा वज़ूद जमीं पर पड़ा एक बुलबुला सही,
मगर वक़्त की मांग पर प्रलय से कम नहीं ।
'रश्मि'

©Rashmi Abhaya

मेरा वज़ूद जमीं पर पड़ा एक बुलबुला सही, मगर वक़्त की मांग पर प्रलय से कम नहीं । 'रश्मि' ©Rashmi Abhaya

मेरा वज़ूद जमीं पर पड़ा एक बुलबुला सही,
मगर वक़्त की मांग पर प्रलय से कम नहीं ।
'रश्मि'

#NationalSimplicityDay

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