White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 18)
में आपका स्वागत है!
कर्मचारी उसे स्टेशन से बाहर ले जाकर खाना खिलाता हैं!
तब तक कर्मचारी का छुट्टी होने का समय हो जाता है! छुट्टी होते ही कर्मचारी अपने साथ नंदू को लेकर अपने क्वार्टर के तरफ चल देता है!रास्ते में बारिश आ जाती है! कर्मचारी मुंह से कठोर लेकिन आत्मा से बहुत ही दयालुवान था!अपना छाता खोलते हुए,नंदू से बोलता है बारिश आ गई है, छाते में आ जाओ!
कुछ देर चलने के बाद कर्मचारी का क्वार्टर आता है ! कर्मचारी अपने दरबाजे पे पहुंचकर ऊंचे स्वर में बोलता है,शिखा.... ओ शिखा.......!
अंदर से आवाज आती है, जी.. बाबू जी...,आई.., नंदू तब तक बाहर लगे दरवाजे को बड़े ध्यान से देख रहा था ! जो की,
बरसाती पानी पी.. पी.. कर जगह- जगह टूट चुका था!
©writer Ramu kumar
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