बेवफ़ा तो ये ज़िन्दगी भी बहुत है साहब हर मोड़ ठोकरे द | हिंदी विचार

"बेवफ़ा तो ये ज़िन्दगी भी बहुत है साहब हर मोड़ ठोकरे देती है कितनी भी मोहब्बत कर लो इससे आखिर में काफिले मौत की ओर ही मोड़ती है। shweta nishad"

 बेवफ़ा तो ये ज़िन्दगी भी बहुत है साहब
हर मोड़ ठोकरे देती है
कितनी भी मोहब्बत कर लो इससे
आखिर में काफिले मौत की ओर ही मोड़ती है।

shweta nishad

बेवफ़ा तो ये ज़िन्दगी भी बहुत है साहब हर मोड़ ठोकरे देती है कितनी भी मोहब्बत कर लो इससे आखिर में काफिले मौत की ओर ही मोड़ती है। shweta nishad

#shayri

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