"दर्द में भी तू
ना तुम से शिकायत है
तेरा मेरा बस आहत है
कैसे बताऊ तुझ को मैं
तु मेरे लिए एक चाहत है
तेरे इश्क़ मैं लूट गया
हर गम को मैं भूल गया
आज मेरे तु पास तो आ
हर रिश्ता मेरा छूट गया"
दर्द में भी तू
ना तुम से शिकायत है
तेरा मेरा बस आहत है
कैसे बताऊ तुझ को मैं
तु मेरे लिए एक चाहत है
तेरे इश्क़ मैं लूट गया
हर गम को मैं भूल गया
आज मेरे तु पास तो आ
हर रिश्ता मेरा छूट गया