गांव-गांव और गली-गली
महिलाओं की बनी टोली
“पंचसूत्र” का करती पालन
स्वयं समूह करती संचालन
बचत वो करती थोड़ी-थोड़ी
आर्थिक-विकास-पथ बढ़ चली
मंद-मंद साक्षरता की ज्योति
मन-मंदिर में उनके जल रही
सशक्तिकरण की ओर बढ़ रही
सामाजिक कुरीतियां तोड़ रही
जागरूकता के प्रकाश-पुंज में
हर महिला “जीविका” से जुड़ रही
©विजय