"शिक़वा नहीं है कोई, हमको नहीं गिला,
सभी में झाँका है मगर, ख़ुद से नहीं मिला,
मशरूफ हुए इस कदर, अपने ही जहाँ में,
हँसकर तो गले सब मिले,पर फासला मिला
अजय राहुल AR"
शिक़वा नहीं है कोई, हमको नहीं गिला,
सभी में झाँका है मगर, ख़ुद से नहीं मिला,
मशरूफ हुए इस कदर, अपने ही जहाँ में,
हँसकर तो गले सब मिले,पर फासला मिला
अजय राहुल AR