बहुत ही उत्सुक है कान्हा मुझसे बिछड़ने के लिए । | हिंदी शायरी

"बहुत ही उत्सुक है कान्हा मुझसे बिछड़ने के लिए । कैसे मनाऊँ मैं मेरे नादान दिल को धड़कने के लिए । होंठों की मुस्कान हृदय के घाव को तो छुपा लेती है , लेकिन तरस रही हैं मेरी सूखी आँखें बरसने के लिए। ✍️साई नलिनी श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ दोस्तों,,, राधे राधे जी 🙏🌹🙏 ©Nalini Sai"

 बहुत ही  उत्सुक है  कान्हा मुझसे बिछड़ने के लिए ।
कैसे मनाऊँ मैं मेरे नादान दिल को धड़कने के लिए ।
होंठों की मुस्कान हृदय के घाव को तो छुपा लेती है ,
लेकिन तरस रही हैं मेरी सूखी आँखें बरसने के लिए।

✍️साई नलिनी 

श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ दोस्तों,,, 
राधे राधे जी 🙏🌹🙏

©Nalini Sai

बहुत ही उत्सुक है कान्हा मुझसे बिछड़ने के लिए । कैसे मनाऊँ मैं मेरे नादान दिल को धड़कने के लिए । होंठों की मुस्कान हृदय के घाव को तो छुपा लेती है , लेकिन तरस रही हैं मेरी सूखी आँखें बरसने के लिए। ✍️साई नलिनी श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ दोस्तों,,, राधे राधे जी 🙏🌹🙏 ©Nalini Sai

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