बहुत ही उत्सुक है कान्हा मुझसे बिछड़ने के लिए ।
कैसे मनाऊँ मैं मेरे नादान दिल को धड़कने के लिए ।
होंठों की मुस्कान हृदय के घाव को तो छुपा लेती है ,
लेकिन तरस रही हैं मेरी सूखी आँखें बरसने के लिए।
✍️साई नलिनी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ दोस्तों,,,
राधे राधे जी 🙏🌹🙏
©Nalini Sai