सब्र से सब हसरतों को भूल जातीं बेटियां ,
गम के आगे शाख मानिंद झूल जातीं बेटियां ।।
पलती है जिस घर वहां पर फूल बोतीं बेटियाँ,
बाद शादी अपने संग भी फूल लातीं बेटियाँ ।।
©Zoga Bhagsariya
सब्र से सब हसरतों को भूल जातीं बेटियां ,
गम के आगे शाख मानिंद झूल जातीं बेटियां ।।
पलती है जिस घर वहां पर फूल बोतीं बेटियाँ,
बाद शादी अपने संग भी फूल लातीं बेटियाँ ।।