सुनो!
इश्क़ करना है तुमसे
वो इश्क़ जो
बस इश्क़ होगा,
अकेला, अविचल,
निश्छल, निराधार
जिसमें ज़िद न होगी पाने की
डर न होगी खो जाने की
न पास रहने की वज़ह होगी
न जरूरत पड़ेगी दूर जाने की
अग़र कुछ होगा तो
बस इश्क़ होगा,
न समय का पहरा होगा।
चर्चा न होगी खुलेआम
नहीं कोई किसी से
कुछ कह रहा होगा।
कहो!
कर सकोगे, ऐसा इश्क़
जो बस इश्क़ होगा।
©Aditya Karn
#एक_इश्क़_ऐसा_भी
#hangout