Village Life आंख का भला है रो लिया करो तुम
रोकती अना है रो लिया करो तुम
खुवाब के बीखरने का मलाल हो तो
मसवरा मेरा है रो लिया करो तुम
बीच राह में वो छोर कर गया तो
देखता ख़ुदा है रो लिया करो तुम
तुम जो समझते अश्क है बता दुं
दर्द की दवा है रो लिया करो तुम
©Er Akhter Zawed
#villagelife poetry