कल से सीखो कि, बीता कल बीत गया
है नहीं कुछ उसके पास
हमें देने के लिए,
एक लंबी सूची के सिवाय-
है यह सूची
हमारे गलत सही कर्मों की-
करें गर इस सूची को नज़रअंदाज़
आने वाला कल क्षमा न करेगा हमें-
मौका देती है ज़िन्दगी ज़रूर
मगर बार बार नहीं-
दे देें हम चाहे इसे तकदीर का नाम
पर उस सूची का मान ही
करेगा हमारी तकदीर का आह्वान!
कल से सीखो,कि...
#कविता