meena mallavarapu

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मेरे रंग रूप से क्यों जोड़ दी , ऐ दुनिया तूूने मेरी पहचान! अपने वजूद का इतना बड़ा अपमान - कैसे कर लूं बर्दाश्त

#कविता  मेरे रंग रूप से
   क्यों जोड़ दी ,
ऐ दुनिया 
तूूने मेरी पहचान!
अपने वजूद का
  इतना बड़ा अपमान -
कैसे कर लूं बर्दाश्त

मेरी पहचान...

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पंख और आसमाँ पंख हैं मेरे छोटे छोटे- आसमान विशाल फैलाव इसका कर देता है मुझे हताश कैसे पहुंचूंगी तेरे करीब तन मन शिथिल, हुई हर श्वास निराश पेड़़ की टहनी पर बैठी,करती हूं ख़ुद से सवाल बैठी रहेगी गर ऐसे ,आएगी क्या मंज़िल पास मंजिल पानी है गर,फड़फड़ाना ही होगा पंखोंको- उड़ना ही तो है जीवन का नाम पंख मिले हैं उड़ने के लिए तिरस्कार न कर इनका आस न होने देना धुंधली छूना है तुझे आसमान बाहें पसारे जो,दे रहा तुझे अाव्हान

#कविता  पंख और आसमाँ 


पंख हैं मेरे छोटे छोटे- आसमान विशाल
फैलाव इसका कर देता है मुझे हताश
कैसे पहुंचूंगी तेरे करीब
तन मन शिथिल, हुई हर श्वास निराश
पेड़़ की टहनी पर बैठी,करती हूं ख़ुद से सवाल
बैठी रहेगी गर ऐसे ,आएगी क्या मंज़िल पास
मंजिल पानी है गर,फड़फड़ाना ही होगा पंखोंको-
उड़ना ही तो है जीवन का नाम
पंख मिले हैं उड़ने के लिए
तिरस्कार न कर इनका
आस न होने देना धुंधली
 छूना है तुझे आसमान
बाहें पसारे जो,दे रहा तुझे अाव्हान

पंख और आसमान....

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किस्मत किस्मत तूने भी क्या नाच नचाया उम्र गुज़र गई मगर आज भी हम बेचारों पर तुझे, तरस न आया कठपुतली तेरे हाथों की खुल कर सांस लेना भी हमें न आया क्या मिला तुझे ज़रा बता मुझे तार तार कर के रख दी हमारी काया घुट घुट कर सूख गए कर ही दिया तूने हमें ख़ुद से पराया! खड़े हैं मंझधार में साथ देने कोई भी नहीं आया! क्या तूने खेल रचाया

#कविता  किस्मत किस्मत तूने भी क्या नाच नचाया
उम्र गुज़र गई मगर आज भी
 हम बेचारों पर तुझे, तरस न आया
कठपुतली तेरे हाथों की
खुल कर सांस लेना भी हमें न आया
क्या मिला तुझे ज़रा बता मुझे
तार तार कर के रख दी हमारी काया
घुट घुट कर सूख गए
कर ही दिया तूने हमें ख़ुद से पराया!
खड़े हैं मंझधार में
साथ देने कोई भी नहीं आया!
क्या तूने खेल रचाया

किस्मत....

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अलविदा उन सपनों को हो न सके जो पूरे - ग़म नहीं मगर जानती हूं लौटेंगे फिर एक बार- होंगे प्रस्फुटित समय की कोख से नए रंग में नए रूप में कर लूंगी इंतज़ार अब जुदाई कैसी अलविदा का क्या काम !

#कविता  अलविदा उन सपनों को 
हो न सके जो पूरे -
ग़म नहीं मगर
जानती हूं
लौटेंगे फिर एक बार-
होंगे प्रस्फुटित
 समय की कोख से
नए रंग में नए रूप में
कर लूंगी इंतज़ार
अब जुदाई कैसी
अलविदा का क्या काम !

अधूरे सपने

6 Love

मेरे प्यारे अधूरे सपनें अलविदा उन प्यारे सपनों को जो पूरे न हो सके ग़म उसका नही हमें ! जानते हैं ,एक बार फिर समय की कोख से होंगे प्रस्फुटित यही सपने ,नए रंग नए रूप में नए हौसलों के साथ फिर जुदाई कैसी अलविदा कैसी!

#कविता  मेरे प्यारे अधूरे सपनें अलविदा उन प्यारे सपनों को
 जो पूरे न हो सके
ग़म उसका नही हमें !
जानते हैं
,एक बार फिर
 समय की कोख से होंगे प्रस्फुटित
यही सपने ,नए रंग नए रूप में
नए हौसलों के साथ
फिर जुदाई कैसी
अलविदा कैसी!

मेरे अधूरे सपने....

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सामने मंज़िल थी और, हमें पता भी न चला.. जिंदगी निकल गई पता ही न चला- आंख खुली मगर देर हो चुकी थी- अब पता चला भी तो क्या पता चला! मुकाम गुज़र गया दास्तानें बदल गईं हमें पता ही न चला!

#कविता  सामने मंज़िल थी और,   हमें पता भी न चला..
जिंदगी निकल गई 
पता ही न चला-
आंख खुली मगर
देर हो चुकी थी-
अब पता चला भी
तो क्या पता चला!
मुकाम गुज़र गया
दास्तानें बदल गईं
हमें पता ही न चला!

सामने मंज़िल थी....

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