वोट की खातिर हांडे दले ये घर घर मै बतलागे रे अपन | हिंदी Shayari

"वोट की खातिर हांडे दले ये घर घर मै बतलागे रे अपने निजी स्वार्थ खातिर समाज की बोली लागे रे Parmod Bagri ©parmod bagri"

 वोट की खातिर हांडे दले 
ये घर घर मै बतलागे रे 
अपने निजी स्वार्थ खातिर 
समाज की बोली लागे रे 


        Parmod Bagri

©parmod bagri

वोट की खातिर हांडे दले ये घर घर मै बतलागे रे अपने निजी स्वार्थ खातिर समाज की बोली लागे रे Parmod Bagri ©parmod bagri

#वोट

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