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यहाँ लोग अपनों को जख्म दे देते है और मैं गेरो के लिए मरहम लिए फिरता हूँ प्रमोद बागड़ी बहबलपुर हिसार
इन हाथो को क्या देखता है ये हमेसा तरे बचाव मैं खडे है और तू सोचता है रोशनी तरे से है ये हाथ तुझे बचाने मैं जले है प्रमोद बागड़ी ©parmod bagri
parmod bagri
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White चाइनीज लड़ी से नहीं हम घर दीप से सजाएं गे जो डूबे है नफरत के अंधेरों मैं उन्हें हम रोशनी दिखाए गे खुशी का त्यौहार है ना छूटे कोई महोबत का वो दीप हर घर मैं जलायगे Parmod bagri ©parmod bagri
13 Love
संघर्ष करके रात दिन यों करया कारवाँ त्यार तने जिसकी कोई नी सुनता था वो नेता कर दिया त्यार तने कुकर भूलू एहसान तेरा यों जीवन म्हारा सुधार दिया मान्यवर कांसी राम तने सर उठाके जीना का अधिकार दिया Parmod bagri ©parmod bagri
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वोट की खातिर हांडे दले ये घर घर मै बतलागे रे अपने निजी स्वार्थ खातिर समाज की बोली लागे रे Parmod Bagri ©parmod bagri
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