White Part :- 06
**तुम्हें चांद कहूँ तो क्या होगा? फिर मुझसे तू जुदा होगा।
अभी किस्से का अंत नहीं है, मतलब आया अभी बसंत नहीं है!
अब हनुमान तो नहीं जो सीना फाड़कर दिखाऊँ मैं,
मेरे पास तो शब्द हैं यारा, इससे ही प्यार जताऊँ मैं।
अरे बोल, जो मुझमें खामी है, ये थोड़ी ना बदनामी है।
इंसान गलती की मूर्त है, बदलूँगा जहाँ ज़रूरत है।
तुम गुस्से में चाहे जो भी बोलो, दर्द या मिसरी दिल में घोलो।
हर शब्द लगता इज़हार का, हर शब्द लगता इकरार का।
मैं तुमसे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का।**
- वीरा अनजान
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©Bir Bahadur Singh
#good_night