Bir Bahadur Singh

Bir Bahadur Singh Lives in Kolkata, West Bengal, India

@veera_anjaan(Twitter)

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White Part :- 06 **तुम्हें चांद कहूँ तो क्या होगा? फिर मुझसे तू जुदा होगा।   अभी किस्से का अंत नहीं है, मतलब आया अभी बसंत नहीं है!   अब हनुमान तो नहीं जो सीना फाड़कर दिखाऊँ मैं,   मेरे पास तो शब्द हैं यारा, इससे ही प्यार जताऊँ मैं।   अरे बोल, जो मुझमें खामी है, ये थोड़ी ना बदनामी है।   इंसान गलती की मूर्त है, बदलूँगा जहाँ ज़रूरत है।   तुम गुस्से में चाहे जो भी बोलो, दर्द या मिसरी दिल में घोलो।   हर शब्द लगता इज़हार का, हर शब्द लगता इकरार का।   मैं तुमसे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का।** - वीरा अनजान , ©Bir Bahadur Singh

#good_night  White Part :- 06

**तुम्हें चांद कहूँ तो क्या होगा? फिर मुझसे तू जुदा होगा।  
अभी किस्से का अंत नहीं है, मतलब आया अभी बसंत नहीं है!  

अब हनुमान तो नहीं जो सीना फाड़कर दिखाऊँ मैं,  
मेरे पास तो शब्द हैं यारा, इससे ही प्यार जताऊँ मैं।  

अरे बोल, जो मुझमें खामी है, ये थोड़ी ना बदनामी है।  
इंसान गलती की मूर्त है, बदलूँगा जहाँ ज़रूरत है।  

तुम गुस्से में चाहे जो भी बोलो, दर्द या मिसरी दिल में घोलो।  
हर शब्द लगता इज़हार का, हर शब्द लगता इकरार का।  

मैं तुमसे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का।**

- वीरा अनजान






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©Bir Bahadur Singh

#good_night

14 Love

White Part :- 05 **एक दिन गजब का खेल हुआ, सपनों-सा उससे मेल हुआ। वो बोली, "पागल देख, ये सच्चाई है। तुझसे मिलने तेरी साथी खुद चलकर आई है।" मैंने पूछा, "सच है क्या? क्या अब भी मिलता प्यार है?" फिर याद आया, अरे ये तो महादेव का चमत्कार है। अब दोनों में बातें होती हैं, सुख-दुख में अंखियाँ रोती हैं। मैं पीछे-पीछे चलता हूँ, वो आगे-आगे होती है। कहीं देख न ले ये जग वाले, ये भी नज़र में होती हैं। खैर, मेहनत तो रंग लाई है, वो मिलने को बुलाई है। और गोलगप्पे तो खाए हमने, पर बिल उसने चुकाई है। हाय! हाय रे ये चांदनी रातें, कहीं नज़र न लगे संसार का। अरे तू भी तो कभी बोल दे यारा, अब समझी मतलब प्यार का।** - वीरा अनजान , ©Bir Bahadur Singh

#love_qoutes  White Part :- 05
**एक दिन गजब का खेल हुआ, सपनों-सा उससे मेल हुआ।  
वो बोली, "पागल देख, ये सच्चाई है।  
तुझसे मिलने तेरी साथी खुद चलकर आई है।"  
मैंने पूछा, "सच है क्या? क्या अब भी मिलता प्यार है?"  
फिर याद आया, अरे ये तो महादेव का चमत्कार है।  
अब दोनों में बातें होती हैं, सुख-दुख में अंखियाँ रोती हैं।  
मैं पीछे-पीछे चलता हूँ, वो आगे-आगे होती है।  
कहीं देख न ले ये जग वाले, ये भी नज़र में होती हैं।  
खैर, मेहनत तो रंग लाई है, वो मिलने को बुलाई है।  
और गोलगप्पे तो खाए हमने, पर बिल उसने चुकाई है।  
हाय! हाय रे ये चांदनी रातें, कहीं नज़र न लगे संसार का।  
अरे तू भी तो कभी बोल दे यारा, अब समझी मतलब प्यार का।**

- वीरा अनजान








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©Bir Bahadur Singh

#love_qoutes

17 Love

White Part :- 04 **आप सोचते होंगे ना, क्या बात उसमें खास है? क्या जानने की बढ़ रही प्यास है? तो चलो मैं भी बतलाता हूँ, थोड़ा रोकर भी मुस्काता हूँ। बस मेरे लिए वो प्यारी है, शब्दों में लिखना भारी है। उसे देखकर यूं लगता है, रब मेरी ख्वाहिश समझता है। अरे शब्दों में जिसके शक्कर है, नहीं बैठने देती थककर है। जो कभी देख मुस्काए वो, बादल बनकर छा जाए वो। मैं भीग जाता हूँ प्यार में, जैसे माँझी कोई मझधार में। बस-बस, अब और तारीफ़ मुझसे न हो पाएगा , नहीं तो आपको भी मेरी साथी से फिर प्यार हो जाएगा। और मुझसे मत पूछो, कैसा मौसम होता बहार का। मैं तो उससे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का।** - वीरा अनजान , ©Bir Bahadur Singh

#Sad_Status  White Part :- 04

**आप सोचते होंगे ना, क्या बात उसमें खास है?  
क्या जानने की बढ़ रही प्यास है?  
तो चलो मैं भी बतलाता हूँ, थोड़ा रोकर भी मुस्काता हूँ।  
बस मेरे लिए वो प्यारी है, शब्दों में लिखना भारी है।  
उसे देखकर यूं लगता है, रब मेरी ख्वाहिश समझता है।  
अरे शब्दों में जिसके शक्कर है, नहीं बैठने देती थककर है।  
जो कभी देख मुस्काए वो, बादल बनकर छा जाए वो।  
मैं भीग जाता हूँ प्यार में, जैसे माँझी कोई मझधार में।  
बस-बस, अब और तारीफ़ मुझसे न हो पाएगा ,
नहीं तो आपको भी मेरी साथी से फिर प्यार हो जाएगा।  
और मुझसे मत पूछो, कैसा मौसम होता बहार का।  
मैं तो उससे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का।**

- वीरा अनजान








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©Bir Bahadur Singh

#Sad_Status one sided love shayari

11 Love

White Part :- 03 **मैं दिन-रात दौड़ा हूँ, जैसे कोई मैं भंवरा हूँ। वो जिस रस्ते से जाती थी, वो गलियाँ मुझे बुलाती थीं। कहती थीं, "यहीं से गुजरी है, जिसकी सागर-सी आँखें गहरी हैं।" मैं पीछे दौड़ लगाता था, और मन ही मन मुस्काता था। मेहनत नहीं विफल होगी , विजय आज नहीं तो कल होगी । वो एक दिन ज़रूर आएगी, मुझे अपना बतलाएगी। एक दशक का ये संघर्ष रहा, मत पूछो कैसा वर्ष रहा। मैं चाहता था बस इतना समझे वो, क्या दवा है इस बीमार का। मैं जिससे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का।** - वीरा अनजान , ©Bir Bahadur Singh

 White Part :- 03
**मैं दिन-रात दौड़ा हूँ, जैसे कोई मैं भंवरा हूँ।  
वो जिस रस्ते से जाती थी, वो गलियाँ मुझे बुलाती थीं।  
कहती थीं, "यहीं से गुजरी है, जिसकी सागर-सी आँखें गहरी हैं।"  
मैं पीछे दौड़ लगाता था, और मन ही मन मुस्काता था।  
मेहनत नहीं विफल होगी , विजय आज नहीं तो कल होगी । 
वो एक दिन ज़रूर आएगी, मुझे अपना बतलाएगी।  
एक दशक का ये संघर्ष रहा, मत पूछो कैसा वर्ष रहा।  
मैं चाहता था बस इतना समझे वो, क्या दवा है इस बीमार का।  
मैं जिससे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का।**

- वीरा अनजान







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©Bir Bahadur Singh

White Part :- 03 **मैं दिन-रात दौड़ा हूँ, जैसे कोई मैं भंवरा हूँ। वो जिस रस्ते से जाती थी, वो गलियाँ मुझे बुलाती थीं। कहती थीं, "यहीं से गुजरी है, जिसकी सागर-सी आँखें गहरी हैं।" मैं पीछे दौड़ लगाता था, और मन ही मन मुस्काता था। मेहनत नहीं विफल होगी , विजय आज नहीं तो कल होगी । वो एक दिन ज़रूर आएगी, मुझे अपना बतलाएगी। एक दशक का ये संघर्ष रहा, मत पूछो कैसा वर्ष रहा। मैं चाहता था बस इतना समझे वो, क्या दवा है इस बीमार का। मैं जिससे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का।** - वीरा अनजान , ©Bir Bahadur Singh

14 Love

White Part :- 02 **एक बार की सुनो मैं बात बताऊं, क़िस्सा सुनो मैं एक सुनाऊं।   बच्चों को समझाने वाली, प्यार से बात बताने वाली,   मुझे समझ न पाई थी, इस दिल को ठेस पहुंचाई थी।   महामहिम ने प्यार से जब परिचय मेरा बताया था,   तब कौन ये नेता, हम्म कहकर मरियम ने बुलाया था।   और राजनीति के खेल में जीते, मगर इश्क में मात खाई है।   जीतना है उस जंग को यारो, जहाँ दांव पर ज़िंदगी लगाई है।   और कैसे उसे समझाऊं मैं, कुछ असर न होता इनकार का,   मैं तुमसे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का।** - वीरा अनजान , ©Bir Bahadur Singh

#love_shayari  White Part :- 02
**एक बार की सुनो मैं बात बताऊं, क़िस्सा सुनो मैं एक सुनाऊं।  
बच्चों को समझाने वाली, प्यार से बात बताने वाली,  

मुझे समझ न पाई थी, इस दिल को ठेस पहुंचाई थी।  
महामहिम ने प्यार से जब परिचय मेरा बताया था,  

तब कौन ये नेता, हम्म कहकर मरियम ने बुलाया था।  
और राजनीति के खेल में जीते, मगर इश्क में मात खाई है।  

जीतना है उस जंग को यारो, जहाँ दांव पर ज़िंदगी लगाई है।  
और कैसे उसे समझाऊं मैं, कुछ असर न होता इनकार का,  

मैं तुमसे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का।**

- वीरा अनजान










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©Bir Bahadur Singh

#love_shayari

12 Love

White Part :- 01 **एक शब्द है जो व्यवहार का, एक शब्द है जो श्रृंगार का, मैं तुमसे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का।** वो सड़क किनारे खड़ा रहना, आवारा-सा कहीं पड़ा रहना, मैं कई गलियों में घूमा हूँ, कई रस्तों पर मैं झूमा हूँ। एक दशक से थी तरसीं अखियाँ , क्या पूछतीं न थीं वो सखियाँ, क्यों खड़ा रहता अनजान है, क्या खोजता ये नादान है। तब तो तुम मुस्काती होगी, हंसी को खूब छुपाती होगी। कहती होगी, "पता नहीं इसमें मेरी कोई खता नहीं।" लोगों को क्या न पता होगा, किसे न ये रोग लगा होगा। खैर, छोड़ो ये बात पुरानी है, अब नई क़िस्से सुनानी हैं। कौन तुम्हें यूं प्यार करेगा? कौन इतना इंतजार करेगा? कैसे तुम्हें बतलाऊं मैं, क्या दर्द है इस लाचार का । मैं तुमसे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का.... - वीरा अनजान , ©Bir Bahadur Singh

#sad_quotes  White Part :- 01

**एक शब्द है जो व्यवहार का, एक शब्द है जो श्रृंगार का,  
मैं तुमसे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का।**

वो सड़क किनारे खड़ा रहना, आवारा-सा कहीं पड़ा रहना,  
मैं कई गलियों में घूमा हूँ, कई रस्तों पर मैं झूमा हूँ।  
एक दशक से थी तरसीं अखियाँ , क्या पूछतीं न थीं वो सखियाँ,  
क्यों खड़ा रहता अनजान है, क्या खोजता ये नादान है।  
तब तो तुम मुस्काती होगी, हंसी को खूब छुपाती होगी।  
कहती होगी, "पता नहीं इसमें मेरी कोई खता नहीं।"  
लोगों को क्या न पता होगा, किसे न ये रोग लगा होगा।  
खैर, छोड़ो ये बात पुरानी है, अब नई क़िस्से सुनानी हैं।  
कौन तुम्हें यूं प्यार करेगा? कौन इतना इंतजार करेगा?  
कैसे तुम्हें बतलाऊं मैं, क्या दर्द है इस लाचार का ।
मैं तुमसे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का....

- वीरा अनजान









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#sad_quotes

15 Love

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