जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° नागरिक मैंने एक खत लिखा है
सिर्फ तुम्हारे लिए
मैं आशिक बना भी तो
सिर्फ तुम्हारे लिए
जो पहाड़ सा अडिग था वो भी झुक गया
सिर्फ तुम्हारे लिए
हर पल याद करते हैं तुम्हे
अब यह दिल भी धड़कता तो
सिर्फ तुम्हारे लिए
चल रही है अब जो सांस मेरी वह भी
सिर्फ तुम्हारे लिए
VS.Diwakar
©Virendra Singh Diwakar
#PoetInYou मैंने एक खत लिखा है
सिर्फ तुम्हारे लिए
मैं आशिक बना भी तो
सिर्फ तुम्हारे लिए
जो पहाड़ सा अडिग था वो भी झुक गया
सिर्फ तुम्हारे लिए
हर पल याद करते हैं तुम्हे
अब यह दिल भी धड़कता तो