Virendra Singh Diwakar

Virendra Singh Diwakar

20/01/1999

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White सबके ख्वाब खरीदते खरीदते खुद के ख्वाब बेच दिए हैं जो बचे अभी ख्वाब मेरे उनको सवार कर रख दिए हैं सोचता हूं कभी कीमत मिलेगी अच्छी उनको भी बेच दूंगा मिलेगी जो ख्वाबों की कीमत उनसे फिर नए ख्वाब खरीदूंगा ll ©Virendra Singh Diwakar

#कविता #Dostiforever #love_shayari  White  सबके ख्वाब खरीदते खरीदते 
खुद के ख्वाब बेच दिए हैं 
जो बचे अभी ख्वाब मेरे 
उनको सवार कर रख दिए हैं 
सोचता हूं कभी कीमत मिलेगी 
अच्छी उनको भी बेच दूंगा
मिलेगी जो ख्वाबों की कीमत 
उनसे फिर नए ख्वाब खरीदूंगा ll

©Virendra Singh Diwakar

#love_shayari #Dostiforever सबके ख्वाब खरीदते खरीदते  खुद के ख्वाब बेच दिए हैं  जो बचे अभी ख्वाब मेरे  उनको सवार कर रख दिए हैं 

13 Love

अरे सुनो  तुम सोच रही हो  मैं लड़का हूं...... इसीलिए खु:श रहता हूं जो मनमानी वह करता हूं...... क्या तुमने देखा है मुझको अकेले में  कैसे जादू करता हूं..... लाख तकलीफे आंखो में आंसू   जितना दर्द उससे कहीं ज्यादा खु:श दिखता हूं ..... सुनो मैं लड़का हूं  इसीलिए हंसता रहता हूं......ll ©Virendra Singh Diwakar

#कविता #BadhtiZindagi  अरे सुनो  तुम सोच रही हो 
मैं लड़का हूं......

इसीलिए खु:श रहता हूं
जो मनमानी वह करता हूं......

क्या तुमने देखा है मुझको अकेले में 
कैसे जादू करता हूं.....

लाख तकलीफे आंखो में आंसू  
जितना दर्द उससे कहीं 
ज्यादा खु:श दिखता हूं .....

सुनो मैं लड़का हूं 
इसीलिए हंसता रहता हूं......ll

©Virendra Singh Diwakar

#BadhtiZindagi अरे सुनो  तुम सोच रही हो  मैं लड़का हूं...... इसीलिए खु:श रहता हूं जो मनमानी वह करता हूं...... क्या तुमने देखा है मुझको अकेले में  कैसे जादू करता हूं.....

10 Love

White सोचता हूं मैं भी अपनी कहानी कहूं पर किससे कहूं..........? 🤔 VS.Diwakar ©Virendra Singh Diwakar

#election_results #चुनाव  White सोचता हूं मैं भी अपनी कहानी कहूं
पर किससे कहूं..........?
🤔 VS.Diwakar

©Virendra Singh Diwakar

#election_results सोचता हूं मैं भी अपनी कहानी कहूं पर किससे कहूं..........? 🤔

17 Love

यह कोई कविता नहीं उसकी जिंदगी का किस्सा है जो दर्द बताने वाला हूं उसकी जिंदगी का हिस्सा है चंद खून की छींटे लज्जित कर देती है उसको कोई क्यों नहीं सोचता कितना दर्द होता होगा उसको नारी होना आसान नहीं समझाओ उन नसमझो को रूह कांप जाती जब चोट लगती हैं मर्दों को मंदिर और रसोई में भी जाने को रोक लगाते हैं कुछ लोग पास में बैठने से भी मुँह बिगाड़ लेते है न जाने क्यों लोग इसे बीमारी समझते हैं *उसे दर्द से ही तो घरों में चिराग जलते है* यह कोई कविता नहीं उसकी जिंदगी का किस्सा है जो दर्द बताने वाला हूं उसकी जिंदगी का हिस्सा है VS.Diwakar ©Virendra Singh Diwakar

#womenempowerment #कविता #Women_Special #Women  यह कोई कविता नहीं उसकी जिंदगी का किस्सा है
जो दर्द बताने वाला हूं उसकी जिंदगी का हिस्सा है

चंद खून की छींटे लज्जित कर देती है उसको
कोई क्यों नहीं सोचता कितना दर्द होता होगा उसको

नारी होना आसान नहीं समझाओ उन नसमझो को
रूह कांप जाती जब चोट लगती हैं मर्दों को

मंदिर और रसोई में भी जाने को रोक लगाते हैं 
कुछ लोग पास में बैठने से भी मुँह बिगाड़ लेते है






न जाने क्यों लोग इसे बीमारी समझते हैं
 *उसे दर्द से ही तो घरों में चिराग जलते है* 

यह कोई कविता नहीं उसकी जिंदगी का किस्सा है
जो दर्द बताने वाला हूं उसकी जिंदगी का हिस्सा है
VS.Diwakar

©Virendra Singh Diwakar

#Women #womenempowerment #Women_Special यह कोई कविता नहीं उसकी जिंदगी का किस्सा है जो दर्द बताने वाला हूं उसकी जिंदगी का हिस्सा है चंद खून की छींटे लज्जित कर देती है उसको कोई क्यों नहीं सोचता कितना दर्द होता होगा उसको नारी होना आसान नहीं समझाओ उन नसमझो को रूह कांप जाती जब चोट लगती हैं मर्दों को

9 Love

जिम्मेदार नागरिक मैंने एक खत लिखा है सिर्फ तुम्हारे लिए मैं आशिक बना भी तो सिर्फ तुम्हारे लिए जो पहाड़ सा अडिग था वो भी झुक गया सिर्फ तुम्हारे लिए हर पल याद करते हैं तुम्हे अब यह दिल भी धड़कता तो सिर्फ तुम्हारे लिए चल रही है अब जो सांस मेरी वह भी सिर्फ तुम्हारे लिए VS.Diwakar ©Virendra Singh Diwakar

#कविता #PoetInYou  जिम्मेदार नागरिक मैंने एक खत लिखा है 
सिर्फ तुम्हारे लिए
मैं आशिक बना भी तो 
सिर्फ तुम्हारे लिए
जो पहाड़ सा अडिग था वो भी झुक गया
सिर्फ तुम्हारे लिए
हर पल याद करते हैं तुम्हे
अब यह दिल भी धड़कता तो 
सिर्फ तुम्हारे लिए
चल रही है अब जो सांस मेरी वह भी 
सिर्फ तुम्हारे लिए
VS.Diwakar

©Virendra Singh Diwakar

#PoetInYou मैंने एक खत लिखा है सिर्फ तुम्हारे लिए मैं आशिक बना भी तो सिर्फ तुम्हारे लिए जो पहाड़ सा अडिग था वो भी झुक गया सिर्फ तुम्हारे लिए हर पल याद करते हैं तुम्हे अब यह दिल भी धड़कता तो

17 Love

मैं वो किताब हूं जिसे किसी ने पढ़ा नहीं जिसने पढ़ा उसने समझा नहीं ©Virendra Singh Diwakar

#जिसने #किताब #विचार #किसी #नहीं #समझा  मैं वो किताब हूं
जिसे किसी ने पढ़ा नहीं
जिसने पढ़ा उसने समझा नहीं

©Virendra Singh Diwakar
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