लोग जो पुरूषार्थ कि भाषा बताते,
लोग जो ख़ुद बातों से मुकर है जाते।
लोग जो थोड़े शोहरतो पर लड़ने वाले,
हम क्या बताये अपनी भावार्थ साहब,
हम तो हैं सादगी पर मरने वाले।
laparwah139.......
कभी पेड़ से पूछो कि ज्ञान क्या होता,
आँधियों में अड़ने का अभिमान क्या होता।
कुछ लोग जो हैं तिनकों सा बिखरने वाले,
कुछ लोग झूठी शान पर अड़ने वाले।
हम क्या बताये अपनी भावार्थ साहब,
हम तो हैं सादगी पर मरने वाले।
laparwah139.........
kumaraditya ❤️❤️
चित्त, गंदगी के ढ़ेर में दबे है जिनके,
दोनों पैर भी दलदल में फंसे हैं जिनके,
वो दिखाते मंज़िलों की राह साहब,
तन-मन में तो यमराज ही बसे हैं जिनके।
कुछ लोग जो पावो को जकडने वाले,
हम क्या बताये अपनी भावार्थ साहब,
हम तो हैं सादगी पर मरने वाले।
...laparwah139 🙏🙏🙏❤️
sayri dil se...
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©Kumar Aditya
#sadagi