*खुद पर थोड़ी दया कर* ********************* खुद पर | हिंदी शायरी

"*खुद पर थोड़ी दया कर* ********************* खुद पर थोड़ी दया कर, सच को थोड़ा बया कर। बेशरमी क्यों सिर बांधी, बेगैरत मत हया कर। भूली बिसरी कहानी, बातें आया गया कर। बीते पल कुछ भी न देंगे, कुछ तो थोड़ा नया कर। मनसीरत जान मन की, मन से मन की जया कर। ********************* सुखविंद्र सिंह मनसीरत खेड़ी राओ वाली (कैथल) ©Sukhvinder Singh"

 *खुद पर थोड़ी दया कर*
*********************
खुद  पर  थोड़ी दया कर,
सच को  थोड़ा बया कर।

बेशरमी क्यों  सिर बांधी,
बेगैरत  मत   हया  कर।

भूली   बिसरी   कहानी,
बातें   आया  गया  कर।

बीते पल कुछ भी न देंगे,
कुछ तो  थोड़ा नया कर।

मनसीरत  जान  मन की,
मन से मन की जया कर।
*********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत 
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

©Sukhvinder Singh

*खुद पर थोड़ी दया कर* ********************* खुद पर थोड़ी दया कर, सच को थोड़ा बया कर। बेशरमी क्यों सिर बांधी, बेगैरत मत हया कर। भूली बिसरी कहानी, बातें आया गया कर। बीते पल कुछ भी न देंगे, कुछ तो थोड़ा नया कर। मनसीरत जान मन की, मन से मन की जया कर। ********************* सुखविंद्र सिंह मनसीरत खेड़ी राओ वाली (कैथल) ©Sukhvinder Singh

#navratri

People who shared love close

More like this

Trending Topic