तेरे मेरे दरमियाँ ये कैसी कश्मकश है, मैं तेरी हूँ | हिंदी कविता
"तेरे मेरे दरमियाँ
ये कैसी कश्मकश है,
मैं तेरी हूँ
तू किसी और की मोहब्बत है।
तेरे मेरे दरमियाँ
ये कैसी कशमकश है,
आशिक है अधूरा
पर इश्क़ मुकम्मल है।
@author_pawanpreetkaur"
तेरे मेरे दरमियाँ
ये कैसी कश्मकश है,
मैं तेरी हूँ
तू किसी और की मोहब्बत है।
तेरे मेरे दरमियाँ
ये कैसी कशमकश है,
आशिक है अधूरा
पर इश्क़ मुकम्मल है।
@author_pawanpreetkaur