कभी बेबाक हंसी तो कभी शर्मो हया है तू हर दिन जैसे | हिंदी शायरी

"कभी बेबाक हंसी तो कभी शर्मो हया है तू हर दिन जैसे एक ख्वाब नया है मैं लिखता हूं बातें सब कहने को पर तू बिन कहे करती नज़रों से सब बयां है तू हर दिन जैसे एक ख्वाब नया है। Dilseshayar"

 कभी बेबाक हंसी तो कभी शर्मो हया है
तू हर दिन जैसे एक ख्वाब नया है
मैं लिखता हूं बातें सब कहने को
पर तू बिन कहे करती नज़रों से सब बयां है
तू हर दिन जैसे एक ख्वाब नया है।



Dilseshayar

कभी बेबाक हंसी तो कभी शर्मो हया है तू हर दिन जैसे एक ख्वाब नया है मैं लिखता हूं बातें सब कहने को पर तू बिन कहे करती नज़रों से सब बयां है तू हर दिन जैसे एक ख्वाब नया है। Dilseshayar

@Sandeep Kumar @Jayanta Kumar Dansana @Sangita Shaw @Anil Kewat @Shikha Thakur

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