Sochte the ki bus hum hi hum hain
Par wo pure shehar se baat karte the
Din bhar hoti se gufat-gu humse
kisi or ke khyalon main raat
karte the
Dilseshayar
कभी बेबाक हंसी तो कभी शर्मो हया है
तू हर दिन जैसे एक ख्वाब नया है
मैं लिखता हूं बातें सब कहने को
पर तू बिन कहे करती नज़रों से सब बयां है
तू हर दिन जैसे एक ख्वाब नया है।
Dilseshayar
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