लाखों हो साथ चलने वाले पर , खुद सा कोई हमसफ़र नहीं | हिंदी शायरी

"लाखों हो साथ चलने वाले पर , खुद सा कोई हमसफ़र नहीं होता खुद को पहचान खुद से बातें कर, आप से कोई बेहतर नहीं होता ! अनवर हुसैन अणु भागलपुरी ©Anwar Hussain Anu Bhagalpuri"

 लाखों हो साथ चलने वाले पर , खुद सा कोई हमसफ़र नहीं होता 
खुद को पहचान खुद से बातें कर, आप से कोई बेहतर नहीं होता !

अनवर हुसैन अणु भागलपुरी

©Anwar Hussain Anu Bhagalpuri

लाखों हो साथ चलने वाले पर , खुद सा कोई हमसफ़र नहीं होता खुद को पहचान खुद से बातें कर, आप से कोई बेहतर नहीं होता ! अनवर हुसैन अणु भागलपुरी ©Anwar Hussain Anu Bhagalpuri

#अणुभागलपुरी

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