खुशिया जो बाज़ारों में मिलती तो क्या बात थी रूह को | हिंदी Shayari

"खुशिया जो बाज़ारों में मिलती तो क्या बात थी रूह को जो सुकून दे उन नज़रों कीं तालाश है _. jigrra"

 खुशिया जो बाज़ारों में मिलती तो क्या बात थी
 रूह को जो सुकून दे उन नज़रों कीं तालाश है

                             _. jigrra

खुशिया जो बाज़ारों में मिलती तो क्या बात थी रूह को जो सुकून दे उन नज़रों कीं तालाश है _. jigrra

People who shared love close

More like this

Trending Topic