खुशिया जो बाज़ारों में मिलती तो क्या बात थी
रूह को जो सुकून दे उन नज़रों कीं तालाश है
_. jigrra
7 Love
इबादते इन फ़िज़ा ओ की कर लिया करते है
उनकी खामोशी से खेरियत भी पूछ लिया करते है
डरते है कि कही ख़फ़ा ना हो जाए (2)
इस लिए थोड़ी दूरीया भी रख लिया करते हैं
__. jigrra
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