हे मां तेरी आंखें बहुत कुछ कहती हैं..... तू कभी हं

"हे मां तेरी आंखें बहुत कुछ कहती हैं..... तू कभी हंसते- हंसते रो जाती है, तो तू कभी रोते- रोते हंस जाती हैं। दबा कर क्यों रख लेती तू अपने गम को.... कह क्यों नहीं देती कि तू आज भी पापा को बहुत याद करती हैं..... कह क्यों नहीं देती कि इस सुहानी भारी जिंदगी में,तू पापा के साथ बिताना चाहती हैं.... पता हैं मुझे तू अपने आंसुओं को हमें देखकर छुपा लेती.... ताकि हमें एक पिता की कमी महसूस ना हों। मां तुम हो तो पेट में खाना हैं। मां तुम हों तो बदन में कपड़ा हैं। मां तुम हैं तो हमरा भविष्य हैं। मां तुम हैं तो इस दुनिया में मेरा सब कुछ हैं। ✍️Priyanka."

 हे मां तेरी आंखें बहुत कुछ कहती हैं.....
तू कभी हंसते- हंसते रो जाती है, तो
तू कभी रोते- रोते हंस जाती हैं।
दबा कर क्यों रख लेती तू अपने गम को....
कह क्यों नहीं देती कि तू आज भी पापा को बहुत याद करती हैं.....
कह क्यों नहीं देती कि इस सुहानी भारी जिंदगी में,तू पापा के साथ बिताना चाहती हैं....
पता हैं मुझे तू अपने आंसुओं को हमें देखकर छुपा लेती....
ताकि
हमें एक पिता की कमी महसूस ना हों।
मां तुम हो तो पेट में खाना हैं।
मां तुम हों तो बदन में कपड़ा हैं।
मां तुम हैं तो हमरा भविष्य हैं।
मां तुम हैं तो इस दुनिया में मेरा सब कुछ हैं।
      ✍️Priyanka.

हे मां तेरी आंखें बहुत कुछ कहती हैं..... तू कभी हंसते- हंसते रो जाती है, तो तू कभी रोते- रोते हंस जाती हैं। दबा कर क्यों रख लेती तू अपने गम को.... कह क्यों नहीं देती कि तू आज भी पापा को बहुत याद करती हैं..... कह क्यों नहीं देती कि इस सुहानी भारी जिंदगी में,तू पापा के साथ बिताना चाहती हैं.... पता हैं मुझे तू अपने आंसुओं को हमें देखकर छुपा लेती.... ताकि हमें एक पिता की कमी महसूस ना हों। मां तुम हो तो पेट में खाना हैं। मां तुम हों तो बदन में कपड़ा हैं। मां तुम हैं तो हमरा भविष्य हैं। मां तुम हैं तो इस दुनिया में मेरा सब कुछ हैं। ✍️Priyanka.

मेरी मां 😊

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