माँ
जो नो महीने हमे अपने पेटमे रखती है,
जब हम लेट हों नो पापा की डांट से बचाती है,
वो माँ है।
जो हमारे खातिर सबसे लड़ जाती है,
जब कुछ काम बुरा करदेंतो उसे सुधरती है,
वो माँ है ।
जो हमारी सारी ग़लतियों को माफ कर देती है,
जब सोते वक़्त चादर उतर जाती, तो वो अपनी नींद छोड़कर हमे चादर उड़ाती,
वो माँ है।
जो मुसीबत के वक़्त हमे हिम्मत देती है,
जब हम बुरे भी दिखते हों पर उसे अच्छा बताती है,
वो माँ है।
जो हमे कुछ गिरने पर मारती है,
पर गिरने पर संभालती है,
वो माँ है।
जो परेशान होने पर भी अपने आप को हमारी खिशी के खातिर खुश बताती है,
वो माँ है।
जो ट्रेन में अपनी नींद क़ुर्बान करके हमारा ध्यान रखती है,N
जब कोई उसके बच्चे को छूले तो परेशान होजाती है,
वो माँ है।
-RIMSHA
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here