लंकेश बना जप-तप योगी,योगी से लिए वरदान कई, बाहुबल | हिंदी Quotes

"लंकेश बना जप-तप योगी,योगी से लिए वरदान कई, बाहुबल में नित-नित करता,सागर-सा अभिमान कई, जग की रीति,जग को साजे,जग में उपजी तान कई, कर्म करो तुम राम सरीखे,मिलते फिर सम्मान कई।। कवि मुकेश गोगडे ©kavi mukesh gogdey"

 लंकेश बना जप-तप योगी,योगी से लिए वरदान कई,
बाहुबल में नित-नित करता,सागर-सा अभिमान कई,
जग की रीति,जग को साजे,जग में उपजी तान कई,
कर्म करो तुम राम सरीखे,मिलते फिर सम्मान कई।।
कवि मुकेश गोगडे

©kavi mukesh gogdey

लंकेश बना जप-तप योगी,योगी से लिए वरदान कई, बाहुबल में नित-नित करता,सागर-सा अभिमान कई, जग की रीति,जग को साजे,जग में उपजी तान कई, कर्म करो तुम राम सरीखे,मिलते फिर सम्मान कई।। कवि मुकेश गोगडे ©kavi mukesh gogdey

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