माँ बाप के न रहने पर ताउम्र रह जाय बेटा अकेला
फिर भी दुख बेटियों का ताड़ जितना अलबेला
वो बेटा जो उनका सबसे प्यारा
उनके दुखों का हक़दार अकेला
वो भीड़ जो बन गई एक बेटे के वास्ते
उसी भीड़ में उनका बेटा अकेला
लेनी देनी के बोझ तले कट जाती है जिन्दगी
फिर भी तुने किया क्या
ऐसे शब्दों को सुनता उनका बेटा अकेला
माँ पापा की याद उसे भी तो आती होगी
वो कैसे रहता होगा
अपनी परेशानियांँ किससे कहता होगा
इन बातों से कहीं दूर रहता वो बिल्कुल अकेला
नाना नानी नहीं ये बहुत बड़ी बात है
पर बाबा दादी नहीं ऐसी कोई बात ही नहीं
ऐसी ही भीड़ में वो रहता है अकेला
©Pooja Mishra
#Moon