प्रेम और प्रतिफल
सभी को साथ लेकर
चलने वाला
अगाध प्रेम
और प्रतिफल से संतुष्ट होकर
बस चलता है
और चलता ही रहता है
कभी उसके लिए...........
कभी उसके लिए...........
कभी उसके लिए........
क्योंकि रास्ते अपनी,
उनकी मंजिल सबके लिए होती है
पांव अपनी,
उनकी कदमें सबके लिए होती है
सांस अपनी,
उनकी ज़िंदगी सबके लिए होती है
आंख अपनी,
उनके ख्वाब सबके लिए होती है
©Raj Kumar Raj
#walkingalone