युद्ध
कहा था, किसी ने
युद्ध जरूरी है,
शांति के लिए
पर, शांति किसके लिए ?
श्मशान-क़ब्रिस्तान के मुर्दों
तो कभी,
आबाद,
बदहवास लोगों के लिए
विरान गांव-शहर
भूख से बिलबिलाते
बेजान,
निढ़ाल पड़े लोगों के लिए
या फिर,
अपने टूटें उम्मीदों
और
ख्वाहिशों की बोझ उठाएं
लाशों की ढ़ेर में
अपनों की तलाश करते लोगों के लिए
भय और घृणा
क्रूरता और प्रतिशोध
आधारित
निर्थक है, ऐसी शांति!
©Raj Kumar Raj
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