वक़्त के साथ बदलकर देख लिया मैंने
दूसरों के रास्तों पर चलकर देख लिया मैंने
छोड़ने वाले छोड़ कर चलें ही जाते हैं
बहुत खुद को बदलकर देख लिया मैंने
कुछ मिलता नहीं यारों रुसवाई के सिवा
आशिकी की गलियों में फिसलकर देख लिया मैंने
मौत मिल जाए किसी को तन्हाई ना मिले
खुद विराह की आग में जलकर देख लिया मैंने
वो निकलता नहीं मेरे दिलों - दिमाग से अब
जिसकी ज़िन्दगी से निकल कर देख लिया मैंने
©Priyanka
#alone