प्रेम और स्नेह की हर संभव पराकाष्ठा है जो, एक अक्ष | हिंदी Poetry

"प्रेम और स्नेह की हर संभव पराकाष्ठा है जो, एक अक्षर का शब्द अनगिनत भावनाएं और कौन बस माँ ही तो है वो❤️ ©Vaishnavi"

 प्रेम और स्नेह की हर संभव पराकाष्ठा है जो,
एक अक्षर का शब्द अनगिनत भावनाएं और कौन बस माँ ही तो है वो❤️

©Vaishnavi

प्रेम और स्नेह की हर संभव पराकाष्ठा है जो, एक अक्षर का शब्द अनगिनत भावनाएं और कौन बस माँ ही तो है वो❤️ ©Vaishnavi

उसके प्रेम जताने के तरीके भी हज़ार हो जाया करते है ,
भूखे सोने की बात कह , खुद निवाला खिलाया करती है वो🙏

#Moon

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