Vaishnavi

Vaishnavi

कुछ कहते है बहुत नादान हूँ,कुछ कहते है सबसे जानकार हूँ!✨🖤 ' वैष्णवी '

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video

प्रेम और स्नेह की हर संभव पराकाष्ठा है जो, एक अक्षर का शब्द अनगिनत भावनाएं और कौन बस माँ ही तो है वो❤️ ©Vaishnavi

#Moon  प्रेम और स्नेह की हर संभव पराकाष्ठा है जो,
एक अक्षर का शब्द अनगिनत भावनाएं और कौन बस माँ ही तो है वो❤️

©Vaishnavi

उसके प्रेम जताने के तरीके भी हज़ार हो जाया करते है , भूखे सोने की बात कह , खुद निवाला खिलाया करती है वो🙏 #Moon

10 Love

उनकी यादों के सन्नाटों में उनके होने से ज्यादा की शान्ति है, कोई आकर चला जायेगा ये डर नही रहता न✨ ©Vaishnavi

#WritingForYou  उनकी यादों के सन्नाटों में उनके होने से ज्यादा की शान्ति है,
कोई आकर चला जायेगा ये डर नही रहता न✨

©Vaishnavi

कभी फ़ुरसत मिले तो बताना जरा, यूँ हमें झूठे-सच बतला कर कैसे खुश हो जाते हो❤️ ©Vaishnavi

#Happiness  कभी फ़ुरसत मिले तो बताना जरा,
यूँ हमें झूठे-सच बतला कर कैसे खुश हो जाते हो❤️

©Vaishnavi

#Happiness

11 Love

अलंकृत, श्रेष्ठ और रसपूर्ण हुआ करते है... उनके तो आछेप भी बहुत खूब हुआ करते है🥀❤️ ©Vaishnavi

#सफरनामा #droplets  अलंकृत, श्रेष्ठ और रसपूर्ण हुआ करते है...
उनके तो आछेप भी बहुत खूब हुआ करते है🥀❤️

©Vaishnavi
#सफरनामा #वैष्णवी

#सफरनामा #वैष्णवी instagram- @safarnama1408

157 View

सपने बहुत है पर अधूरे है अभी सब, कुछ पल और चाहिए उन्हें पूरा करने को... थोड़े कोरे-थोड़े धुंधले से है , पर सब मैंने ही संजोये है... मन की सारी आशाओं को पिरो दिया है उनमें, बस कुछ पल और चाहिए उन्हें पूरा करने को.. कुछ खुश है;कुछ नाराज़ है पर , महसूस किया है सब अपने साथ है... सारी खुशियां -सब नाराजगी चूम लिया है मैंने, बस कुछ पल और चाहिये उन्हें पूरा करने को.... मैं भी डरती हूँ थोड़ा सपनो की उस प्रायिकता से, जो रोज रात को कहती है;मैं मुश्किल हूँ अब पाने को... हर एक कदम पर लगता है,जो हार गयी तो क्या होगा? नही सही कुछ तो कम से कम कोशिश पर ऐतबार होगा.... जैसी भी किस्मत हो मेरी, सपने है सब मेरे हिस्से के.... हूँ कहती फिरती वक़्त को मैं, कुछ पल और चाहिए उन्हें पूरा करने को....❤️✨ ©Vaishnavi

#safarnama #vaishnavi #PoetInYou #Drops  सपने बहुत है पर अधूरे है अभी सब,
कुछ पल और चाहिए उन्हें पूरा करने को...
थोड़े कोरे-थोड़े धुंधले से है ,
पर सब मैंने ही संजोये है...
मन की सारी आशाओं को पिरो दिया है उनमें,
बस कुछ पल और चाहिए उन्हें पूरा करने को..
कुछ खुश है;कुछ नाराज़ है पर ,
महसूस किया है सब अपने साथ है...
सारी खुशियां -सब नाराजगी चूम लिया है मैंने,
बस कुछ पल और चाहिये उन्हें पूरा करने को....
मैं भी डरती हूँ थोड़ा सपनो की उस प्रायिकता से,
जो रोज रात को कहती है;मैं मुश्किल हूँ अब पाने को...
हर एक कदम पर लगता है,जो हार गयी तो क्या होगा?
नही सही कुछ तो कम से कम
कोशिश पर ऐतबार होगा....
जैसी भी किस्मत हो मेरी,
सपने है सब मेरे हिस्से के....
हूँ कहती फिरती वक़्त को मैं,
कुछ पल और चाहिए उन्हें पूरा करने को....❤️✨

©Vaishnavi
Trending Topic