एक स्त्री प्रकृति समान जीवन प्रदान करती है।
उस जीवन में वो ऊष्मा,ऊर्जा ,चेतना प्रदान करती है।
जिसे दुनिया माँ कहकर पुकारती है।
एक स्त्री जल के समान हर आकर प्रकार को स्वीकार करती है।
बिना उफ्फ किए सबके जीवन को अपने प्रेम,त्याग,समर्पण से तृप्त करती है।
पुरूष के पूरे जीवन में उसकी पूरी दुनिया है,एक स्त्री
कभी मां,कभी बहन,कभी बेटी,कभी दोस्त,कभी प्रेमिका, कभी पत्नी है,एक स्त्री
जिनके बिना उनका जीवन अधूरा है,उन्ही को अपमानित करते है,पूरी जिंदगी
जिनके बिना वो कुछ नहीं उन्ही को कुछ नही समझते है।
क्योंकि वो एक स्त्री है,और वो पुरूष होने का अहम रखते है।
©Ragini Pathak
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