फकत मुस्कुराहट काफी है, श्रृंगार की खातिर,
बहार गुलशन सजाती है, मेरे यार की खातिर,
आज फलक सूना रहेगा शब भर, चुरा लाया हूं,
चांद सितारे, मेरी मल्लिका के दरबार की खातिर।
©RAVI Kumar
#husnkimalika #Sitare #chaand #gulshan हिंदी शायरी शायरी लव शेरो शायरी लव शायरी