झुका कर शीश गुरु के चरणों में, हम उनसे ज्ञान लेते | हिंदी Poetry
"झुका कर शीश गुरु के चरणों में,
हम उनसे ज्ञान लेते हैं।
किताबी बातों के अलावा,
हम उनसे जिंदगी का सार लेते हैं।।
बन के नचिकेता तो देखो,
गुरु हर कण में मिलेगा।
खुद से भी मिलकर तो देखो,
गुरु तुम में भी मिलेगा।।
अजेय"
झुका कर शीश गुरु के चरणों में,
हम उनसे ज्ञान लेते हैं।
किताबी बातों के अलावा,
हम उनसे जिंदगी का सार लेते हैं।।
बन के नचिकेता तो देखो,
गुरु हर कण में मिलेगा।
खुद से भी मिलकर तो देखो,
गुरु तुम में भी मिलेगा।।
अजेय