White इश्क़ सबको है यहाँ फलक से साँसों में जुन | English Shayari

"White इश्क़ सबको है यहाँ फलक से साँसों में जुनूं भी तो चाहिए हर हार पर और उबाल मारे बदन में वो खूं भी तो चाहिए हुनर ही काफी नहीं सफ़र को हौसलों में नुमूं भी तो चाहिए पंख आंखें मौके तक पहुंचा देंगी बाज को फिर नाखूं भी तो चाहिए ये शेर तीर यूं ही नहीं होता एहसास ओ मौजू भी तो चाहिए हमे कुबूल है संगदिली की तोहमत भाई आंख में आंसू भी तो चाहिए ये नहीं के कह दिया बस बतर्रज ए ख़ू भी तो चाहिए ईम्तहान ए वफ़ा को टाईगर दरमियान खुलू भी तो चाहिए हमारी बकैती से किसी कान पर रेंगनी एक अदद जूं भी तो चाहिए नुमूं-चढ़ाव मौजू- विषय बतर्ज - तर्ज के साथ ख़ू- व्यवहार ख़ुलू- दूरी, खालीपन ©triwal"

 White    इश्क़ सबको है यहाँ फलक से
 साँसों में जुनूं भी तो चाहिए

 हर हार पर और उबाल मारे
बदन में वो खूं भी तो चाहिए

 हुनर ही काफी नहीं सफ़र को
हौसलों में नुमूं भी तो चाहिए

 पंख आंखें मौके तक पहुंचा देंगी
बाज को फिर नाखूं भी तो चाहिए

 ये शेर तीर यूं ही नहीं होता
एहसास ओ मौजू भी तो चाहिए

हमे कुबूल है संगदिली की तोहमत
भाई आंख में आंसू भी तो चाहिए

ये नहीं के कह दिया बस
 बतर्रज ए ख़ू भी तो चाहिए

ईम्तहान ए वफ़ा को टाईगर
दरमियान खुलू भी तो चाहिए

हमारी बकैती से किसी कान पर 
रेंगनी एक अदद जूं भी तो चाहिए

नुमूं-चढ़ाव
मौजू- विषय
बतर्ज - तर्ज के साथ
ख़ू- व्यवहार
ख़ुलू- दूरी, खालीपन

©triwal

White इश्क़ सबको है यहाँ फलक से साँसों में जुनूं भी तो चाहिए हर हार पर और उबाल मारे बदन में वो खूं भी तो चाहिए हुनर ही काफी नहीं सफ़र को हौसलों में नुमूं भी तो चाहिए पंख आंखें मौके तक पहुंचा देंगी बाज को फिर नाखूं भी तो चाहिए ये शेर तीर यूं ही नहीं होता एहसास ओ मौजू भी तो चाहिए हमे कुबूल है संगदिली की तोहमत भाई आंख में आंसू भी तो चाहिए ये नहीं के कह दिया बस बतर्रज ए ख़ू भी तो चाहिए ईम्तहान ए वफ़ा को टाईगर दरमियान खुलू भी तो चाहिए हमारी बकैती से किसी कान पर रेंगनी एक अदद जूं भी तो चाहिए नुमूं-चढ़ाव मौजू- विषय बतर्ज - तर्ज के साथ ख़ू- व्यवहार ख़ुलू- दूरी, खालीपन ©triwal

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