triwal

triwal

iam jus a crazy jack ass

  • Latest
  • Popular
  • Video

White ये तुम ही होगे जो रोज ए हश्र खुद के खिलाफ गवाही दोगे मुनसिफ ओ मुजरिम आप खुद होंगे फिर किसको सफाई दोगे सजा अपनी तुम खुद मुकर्रर करोगे बतर्ज ए आईन ए खुदा और दार ए मक्तल मैं जल्लाद भी तुम ही दिखाई दोगे गुनाह, गुनाह है जानते हो पर किताबों की ओट में करते हो वहां न चलेगी उस दिन कोई दलील लिखी जो लिखाई दोगे ©triwal

#sawan_2024  White ये तुम ही होगे जो रोज ए हश्र खुद के खिलाफ गवाही दोगे
मुनसिफ ओ मुजरिम आप खुद होंगे फिर किसको सफाई दोगे

सजा अपनी तुम खुद मुकर्रर करोगे बतर्ज ए आईन ए खुदा
और दार ए मक्तल मैं जल्लाद भी तुम ही दिखाई दोगे

गुनाह, गुनाह है जानते हो पर किताबों की ओट में करते हो
वहां न चलेगी उस दिन कोई दलील लिखी जो लिखाई दोगे

©triwal

#sawan_2024

14 Love

White नहीं रहा वो जिसका ये किस्सा अब कहा जाता है बमुश्किल ही जिंदगी रहे वक्त किसी का आता है हम खुद पस्तों का भी उससे क्या कैसा गिला के वो जो इशारों इशारों मे चांद सूरज तारा बनाता है ©triwal

#weather_today  White नहीं रहा वो जिसका ये किस्सा अब कहा जाता है
बमुश्किल ही जिंदगी रहे वक्त किसी का आता है

हम खुद पस्तों का भी उससे क्या कैसा गिला के वो
जो इशारों इशारों मे चांद सूरज तारा बनाता है

©triwal

White इस सफर ए दहर को भी अब ख़त्म ही समझो मेरी दौड़ शहर शहर को भी अब ख़त्म ही समझो है खत्म लहू जिस्म में अब ए ख्वाब-ओ-ख्यालो इस बख्त जिगर को भी अब ख़त्म ही समझो होने लगे हैं मुझसे भी अब शिकश्त जदा शेर मेरे सुखन के हुनर को भी अब ख़त्म ही समझो के इस मुल्क में सोच की बस हद है जात,धर्म,तो यहां इंकलाब ओ गदर को भी अब ख़त्म ही समझो जिस दर पे जियारत का हक हो जब हस्ब ए हैसियत उस दर के करम ओ असर को भी अब खत्म ही समझो जिस घर में बुजुर्ग एहसान जताते हैं जब अपने फर्ज का टूटेगा जल्द घर, घर वो भी अब ख़त्म ही समझो दहर-दुनिया बख्त-फौलाद सुखन-शायरी जियारत- दर्शन,पूजा हसब-हिसाब ©triwal

#sad_shayari  White इस सफर ए दहर को भी अब ख़त्म ही समझो
मेरी दौड़ शहर शहर को भी अब ख़त्म ही समझो

है खत्म लहू जिस्म में अब ए ख्वाब-ओ-ख्यालो
इस बख्त जिगर को भी अब ख़त्म ही समझो

होने लगे हैं मुझसे भी अब  शिकश्त जदा शेर
मेरे सुखन के हुनर को भी अब ख़त्म ही समझो

के इस मुल्क में सोच की बस हद है जात,धर्म,तो
यहां इंकलाब ओ गदर को भी अब ख़त्म ही समझो

जिस दर पे जियारत का हक हो जब हस्ब ए हैसियत
उस दर के करम ओ असर को भी अब खत्म ही समझो

जिस घर में बुजुर्ग एहसान जताते हैं जब अपने फर्ज का
टूटेगा जल्द घर, घर वो भी अब ख़त्म ही समझो


दहर-दुनिया
बख्त-फौलाद
सुखन-शायरी
जियारत- दर्शन,पूजा
हसब-हिसाब

©triwal

#sad_shayari

11 Love

White इश्क़ सबको है यहाँ फलक से साँसों में जुनूं भी तो चाहिए हर हार पर और उबाल मारे बदन में वो खूं भी तो चाहिए हुनर ही काफी नहीं सफ़र को हौसलों में नुमूं भी तो चाहिए पंख आंखें मौके तक पहुंचा देंगी बाज को फिर नाखूं भी तो चाहिए ये शेर तीर यूं ही नहीं होता एहसास ओ मौजू भी तो चाहिए हमे कुबूल है संगदिली की तोहमत भाई आंख में आंसू भी तो चाहिए ये नहीं के कह दिया बस बतर्रज ए ख़ू भी तो चाहिए ईम्तहान ए वफ़ा को टाईगर दरमियान खुलू भी तो चाहिए हमारी बकैती से किसी कान पर रेंगनी एक अदद जूं भी तो चाहिए नुमूं-चढ़ाव मौजू- विषय बतर्ज - तर्ज के साथ ख़ू- व्यवहार ख़ुलू- दूरी, खालीपन ©triwal

#sad_shayari  White    इश्क़ सबको है यहाँ फलक से
 साँसों में जुनूं भी तो चाहिए

 हर हार पर और उबाल मारे
बदन में वो खूं भी तो चाहिए

 हुनर ही काफी नहीं सफ़र को
हौसलों में नुमूं भी तो चाहिए

 पंख आंखें मौके तक पहुंचा देंगी
बाज को फिर नाखूं भी तो चाहिए

 ये शेर तीर यूं ही नहीं होता
एहसास ओ मौजू भी तो चाहिए

हमे कुबूल है संगदिली की तोहमत
भाई आंख में आंसू भी तो चाहिए

ये नहीं के कह दिया बस
 बतर्रज ए ख़ू भी तो चाहिए

ईम्तहान ए वफ़ा को टाईगर
दरमियान खुलू भी तो चाहिए

हमारी बकैती से किसी कान पर 
रेंगनी एक अदद जूं भी तो चाहिए

नुमूं-चढ़ाव
मौजू- विषय
बतर्ज - तर्ज के साथ
ख़ू- व्यवहार
ख़ुलू- दूरी, खालीपन

©triwal

#sad_shayari

12 Love

White जहां में रंज ओ गम ओ जंगे सिर्फ इस ही वजह से हैं के काबिज हुकूमत पंसद है, मोहब्बत पसंद पर ©triwal

#good_morning_quotes  White  

जहां में रंज ओ गम ओ जंगे सिर्फ इस ही वजह से हैं
 के काबिज हुकूमत पंसद है, मोहब्बत पसंद पर

©triwal

White मुझे लगा था बिछड़ के मुझसे उदास होगा क्या पता था रकीब इस कदर खास होगा चलो वो खुश है यही बहुत है, क्योंकि इश्क में जरूरी नहीं के वो पास होगा यूं कोई अब हिज़्र ए इश्क में मरता नहीं है पर लगा उसे कम-से-कम एहसास होगा हमे ये डर है ना लौट आए संग हो रहे हैं हम जो आया तब तक हमें होश ना हवास होगा उन्हें मुबारक दुनिया दारी के ये तमाम पैहरन हमे वो वस्ल ए गुजिश्ता हशर तक लिबास होगा ©triwal

#sad_shayari  White   मुझे लगा था बिछड़ के मुझसे उदास होगा
क्या पता था रकीब इस कदर खास होगा

चलो वो खुश है यही बहुत है, क्योंकि
इश्क में जरूरी नहीं के वो पास होगा

यूं कोई अब हिज़्र ए इश्क में मरता नहीं है
पर लगा उसे कम-से-कम एहसास होगा

हमे ये डर है ना लौट आए संग हो रहे हैं हम
जो आया तब तक हमें होश ना हवास होगा

उन्हें मुबारक दुनिया दारी के ये तमाम पैहरन
हमे वो वस्ल ए गुजिश्ता हशर तक लिबास होगा

©triwal

#sad_shayari

14 Love

Trending Topic