हमारे हार पर जीतने का हौसला देने वाली है मां हमारे | हिंदी Poetry

"हमारे हार पर जीतने का हौसला देने वाली है मां हमारे जीत पर जशन बनाने वाली है मां हमारी नींद को सारी रात जाग कर मांगने वाली है मां हमारी छोटी सी खुशी के लिए अंधविश्वासी बनने वाली है मां एक शरीर रूप अनेक लेने वाली है मां कभी अन्नपूर्णा कभी मां लक्ष्मी तो कभी भद्र काली है मां हमारी सुरक्षा के लिए ब्रह्मास्त्र बनने वाली है मां कभी हमारे खातिर भिक्छुक बनने वाली है मां अपनी खुशियों को भुला हमारी खुशियों बनाने वाली है मां खुद की इच्छा का पता नही हमारी इच्छाओं को पूरी करने वाली है मां ©Ritesh Mishra"

 हमारे हार पर जीतने का हौसला देने वाली है मां
हमारे जीत पर जशन बनाने वाली है मां
हमारी नींद को सारी रात जाग कर मांगने वाली है मां
हमारी छोटी सी खुशी के लिए अंधविश्वासी बनने वाली है मां

एक शरीर रूप अनेक लेने वाली है मां
कभी अन्नपूर्णा कभी मां लक्ष्मी तो कभी भद्र काली है मां
हमारी सुरक्षा के लिए ब्रह्मास्त्र बनने वाली है मां
कभी हमारे खातिर भिक्छुक बनने वाली है मां

अपनी खुशियों को भुला हमारी खुशियों बनाने वाली है मां
खुद की इच्छा का पता नही हमारी इच्छाओं को पूरी करने वाली है मां

©Ritesh Mishra

हमारे हार पर जीतने का हौसला देने वाली है मां हमारे जीत पर जशन बनाने वाली है मां हमारी नींद को सारी रात जाग कर मांगने वाली है मां हमारी छोटी सी खुशी के लिए अंधविश्वासी बनने वाली है मां एक शरीर रूप अनेक लेने वाली है मां कभी अन्नपूर्णा कभी मां लक्ष्मी तो कभी भद्र काली है मां हमारी सुरक्षा के लिए ब्रह्मास्त्र बनने वाली है मां कभी हमारे खातिर भिक्छुक बनने वाली है मां अपनी खुशियों को भुला हमारी खुशियों बनाने वाली है मां खुद की इच्छा का पता नही हमारी इच्छाओं को पूरी करने वाली है मां ©Ritesh Mishra

#MothersDay

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