हमारे हार पर जीतने का हौसला देने वाली है मां
हमारे जीत पर जशन बनाने वाली है मां
हमारी नींद को सारी रात जाग कर मांगने वाली है मां
हमारी छोटी सी खुशी के लिए अंधविश्वासी बनने वाली है मां
एक शरीर रूप अनेक लेने वाली है मां
कभी अन्नपूर्णा कभी मां लक्ष्मी तो कभी भद्र काली है मां
हमारी सुरक्षा के लिए ब्रह्मास्त्र बनने वाली है मां
कभी हमारे खातिर भिक्छुक बनने वाली है मां
अपनी खुशियों को भुला हमारी खुशियों बनाने वाली है मां
खुद की इच्छा का पता नही हमारी इच्छाओं को पूरी करने वाली है मां
©Ritesh Mishra
#MothersDay