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इत्तेफाक से यू प्यार हो जाता है कोई अजनबी जो पास आ जाता है। हम तो तैयार बैठे थे उनसे बात की खातिर, वो हस कर चल दिए ये इत्तेफाक हो जाता है।। ©Ritesh Mishra
Ritesh Mishra
8 Love
हर शोक को पूरा किया इस फैशन के माहोल में, जो चाहिए था दिलवा दिया इस महंगाई के दौर में। कभी एहसास नही होने दिया में गरीब का बच्चा हु, मैने कपड़े ब्रांडेड पहने और वे घुमे फटे बनियान में।। ©Ritesh Mishra
में शब्दो का भंडार रख निशब्द हो जता हु, जब लिखना हो मां पर में पूरी कहानी में सिर्फ मां लिख पाता हूं।। ©Ritesh Mishra
13 Love
हमारे हार पर जीतने का हौसला देने वाली है मां हमारे जीत पर जशन बनाने वाली है मां हमारी नींद को सारी रात जाग कर मांगने वाली है मां हमारी छोटी सी खुशी के लिए अंधविश्वासी बनने वाली है मां एक शरीर रूप अनेक लेने वाली है मां कभी अन्नपूर्णा कभी मां लक्ष्मी तो कभी भद्र काली है मां हमारी सुरक्षा के लिए ब्रह्मास्त्र बनने वाली है मां कभी हमारे खातिर भिक्छुक बनने वाली है मां अपनी खुशियों को भुला हमारी खुशियों बनाने वाली है मां खुद की इच्छा का पता नही हमारी इच्छाओं को पूरी करने वाली है मां ©Ritesh Mishra
12 Love
तेरी जुल्फे मुझे यू छेड़ रही मुझे छिड़ने में मज़ा आ रहा, और तूझसे बात करू कैसे ना तू मुझे जान रही ना में तुझे जान रहा।। ©Ritesh Mishra
तुझसे शिकायते तो बहुत है, मगर ये इश्क उसे बया नही होने देता। ©Ritesh Mishra
9 Love
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