ये सब मधुशाला के पथ हैं, आओ मैं यहां से ले चलता। क | हिंदी कविता

"ये सब मधुशाला के पथ हैं, आओ मैं यहां से ले चलता। कब तक यूं रोना रोओगे, क्यों हट करता न घर चलता ।। मत कहो शब्द तुम एक मुझे ये लो पीलो आँखें मूदे। गर गम न मिट जाए सारे तो कहना कैसा ये मधुप्याला ।। अभिषेक कुमार जैन . ©Abhishek Jain"

 ये सब मधुशाला के पथ हैं, आओ मैं यहां से ले चलता।
कब तक यूं रोना रोओगे, क्यों हट करता न घर चलता ।।
मत कहो शब्द तुम एक मुझे ये लो पीलो आँखें मूदे।
गर गम न मिट जाए सारे तो कहना कैसा ये मधुप्याला ।।

अभिषेक कुमार जैन















.

©Abhishek Jain

ये सब मधुशाला के पथ हैं, आओ मैं यहां से ले चलता। कब तक यूं रोना रोओगे, क्यों हट करता न घर चलता ।। मत कहो शब्द तुम एक मुझे ये लो पीलो आँखें मूदे। गर गम न मिट जाए सारे तो कहना कैसा ये मधुप्याला ।। अभिषेक कुमार जैन . ©Abhishek Jain

#मधुशाला

#parent

People who shared love close

More like this

Trending Topic